मनुष्य ने अपनी सुविधा के लिए बहोत सी नायाब तरीके से कई सारी एसी वस्तुएं बनाई जो कोई भी जानवर नहीं नहीं बना सकता क्योंकि भगवान् ने हम इंसानों के मस्तिष्क को बहोत तेज बनाया। हम इंसानों ने समय के साथ चलते चलते बोलना सीख लिऐ फिर हम लोगो ने कई भाषा लिखना भी सीख लिए को ये बताना है की हम जानवर से अच्छी जिंदगी जी रहे हैं।
मनुष्य समय के साथ बोल चाल के बाद अब वो अपनी बातो को विचारो को लोगो के सामने लाने के लिए किताब बनाया जो मानव के विचार कोई बात लोगो तक पहुंचाया जा सकता है बिना कोई कड़ीनाई के। किताब का आविष्कार कर से पहने हमने किताब के पन्ने बनाए जिसे हम कागज कहते है। कागज को जर्मनी के जोहांस गुटेनबर्ग ने बनाया था ऐसा पूरी दुनिया में जाना जाता है।
पुस्तक पर कविताएं | Best Poem on Books in Hindi
दोस्त हो, किताब हो...
रास्ता या सोच की बात हो,
हम अजनबी से खड़े रहे -
न तुम, न मैं, न कोई सौगात हो।
गलत हुँ, गुमराह हुँ....
आहत सही की आह हुँ,
बस जीवन या, जज्बात हो,
काश, अपने आप से मुलाकात हो।
न तुम, न मैं, न कोई सौगात हो।
परखने वाले सच्चे हो न हो,
सत्यता तो युँ ही मौन हो....
बेशक, हों चाहे कुछ भी -
कुछ और कहलाने के हालात हो।
न तुम न मैं, न कोई सौगात हो।
किसीने किसीको कुछ बताया,
अपने आपको शहंशाह बताया...
किसे सही किसे गलत,
इसी उधेड़बुन में भटके जज्बात हो,
और ऐसे ही भटके,
भावों की जगह हवालात हो।
न तुम, न मैं, न कोई सौगात हो।
काश अपने आप से मुलाकात हो!
Kitaab Par Best Kavita in Hindi | Interesting Poem on Books For Students Class 8, 9, 10, 11, 12
किताबों में संसार है
अल्फा़जों का प्यार है
जो ज्ञान का भंडार है
समाज का विस्तार है।
रोगों का उपचार हैं
संगीत का संचार है
धर्म का आधार है
वेदों का संस्कार है।
संतों का उपहार है
सुमनों का श्रृंगार है
विज्ञान का आकार है
आनंद का प्रकार है।
शिक्षा का बाजार है
शिक्षक का आहार है
माँ के अंक का दुलार है
पितु आशीष की बहार है।
भविष्य का निखार है
बच्चों का अधिकार है
हम सबका व्यवहार है
इस पर सब निसार है।
-ममता रिछारिया
किताबी लोग भी इस दुनिया मे अपनी भूमिका दिखा रहे है जो ये बताता है कि भारत में कई प्रकार के लोग मौजूद हैं जो काफी कुशी की बात है। उम्मीद करता हूं कि आप को ऊपर लिखीं गई कविता पसंद आई होगी इसी लिए आप से अनुरोध है कि आप इसे अपने दोस्तो को भी भेजे।