आज की कविता भारतीय सैनिक पर लिखी गई है सैनिक हमारे देश का वह नागरिक होता है जो देश को ही अपना सबकुछ समझता है और अपने भारत देश की रक्षा सीमा पर डट कर हर परिस्थिति में करता है। हिंदुस्तान के सैनिकों को देश प्रेम देशभक्ति और त्याग का पाठ पढ़ाया जाता है और सैनिक ही एक ऐसा वीर योद्धा होता है जो दिन रात सीमा पर डटे रहते हैं। दुश्मनों को हमारी देश की सीमा के अंदर आने नहीं देते चाहे इसके लिए उन्हें अपने प्राण ही क्यों न त्याग करना पड़े।
सैनिक ही कुशल योद्धा होते हैं जो भूख प्यास सर्दी गर्मी तथा कई प्राकृतिक आपदाओं को झेलते हुए अपने देश और राष्ट्र के प्रति सच्ची प्रेम भावना के साथ एक देशभक्त की तरह अपने देश को दुश्मनों से बचाते हैं। सैनिक त्याग और प्रेम का प्रतीक होता है जो अपने घर परिवार और अपनी पत्नी तथा बच्चों को छोड़कर सीमा पर देश की रक्षा के लिए हर परिस्थिति में तैयार रहता हो या कोई अन्य सभी अपने देशवासियों की सुरक्षा के लिए सैनिकों की नियुक्ति करते हैं और सैनिकों की देशवासियों की प्राणों की रक्षा के साथ-साथ देश और देशवासियों की संपत्ति की रक्षा करते हैं।
इंडियन आर्मी कविता इन हिन्दी | Poem on Indian Armys Soldiers in Hindi
मैं आकाश की हूं गर्जना,
मैं शेर की दहाड़ हूं ।
टकरा कर जिससे आंधियां
स्वयं लेती राह बदल ।
मातृभूमि की रक्षा हेतु
मैं वो अविचल पहाड़ हूं ।
जबतक जिस्म में लहू की
एक भी कतरा बाक़ी है ।
शत्रुओं के झुंड पर
मैं अकाट्य प्रहार हूं ।
रिपूओं के खून से ही
बुझती जिसकी प्यास है ।
युद्ध में खिंचीं गई
वो खड्ग वो तलवार हूं ।
न झुकें हैं अबतलक,
सून, न झुकेंगे कभी ।
मृत्यु या विजय वरूं,
फैसला आर या पार हूं।
एक अकेला जानकर
न छेड़ो मुझको कायरों ।
धुल चाट जाएगा तु
ऐसा वार मैं हजार हूं ।
एक पल न सोचना,
मांग लेना जान तुम ।
मां भारती कदमों में तेरे
मैं सदा निसार हूं ।
- डौली कुमारी
एक सैनिक ही वह महान व्यक्ति होता है जो देश की सुरक्षा शांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है किसी भी देश के लिए सैनिकों का बड़ा महत्व है हमारे देश में कई प्रकार की सेनाओं के संगठन और सभी सेनाओं के संगठनों के सैनिकों में देश भक्ति देश के प्रति प्रेम और देश के प्रति त्याग की भावना कूट-कूट कर भरी होती है।
सीमा पर चौकसी के साथ-साथ देश की सीमाओं के अंदर देश की संपत्ति और देश के नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करते हैं हमारे भारतीय सैनिक अपने कर्तव्य को भली-भांति जानते हैं इसलिए किसी भी प्रकार के खतरे से ना डरते हुए हमारे देश देशवासियों और देश की संपत्ति की रक्षा करते हैं चाहे उनके लिए अपनी प्राण ही क्यों न त्याग ना पड़ जाए।