भारत देश की चर्चा दुनिया के कोने कोने में होती है और हम सब जानते है कि भारत एक ऐसा देश ही जो आयु्वेद से हर बीमारी का समाधान या फिर दूसरी भाषा में कहें तो इलाज कर सकती है। भारत का दुनिया भर में सम्मान किया जाता है क्योंकि इस देश ने दुनिया को गणित विषय कि निव Zero शून्य दिया।
भारत में आज भी कई अनपड लोग है जो ये नहीं जानते कि पूरी दुनिया को भारत देश ने है शून्य का आविष्कार किया ये आविष्कार लगभग 500 साल पहले किया गया ये जानकारी हम कार्बन डेटिंग से पता लगा परन्तु कई बुद्धिजीवी लोगो का मानना है कि ये बहोत पुराना खोज है।
शून्य पर कविताएं | Poem on Zero Number in Hindi
शून्य भाव में सहस चिन्तन..
अक्सर किया करती हूँ,
है क्या मंजिल अंत पे कोई..
जिसकी राह मैं खोजा करती हूँ
मलिन नहीं मन मेरा तनिक..
तो क्या स्वच्छ दर्पण मिलेगा मुझे..
कर दूँगी सर्वस्व अर्पण गर,
पथिक आगे लिए चलेगा मुझे..
इन अंजानी राहो में ..
हर सुबह में ढलती शाम है,
भीतर वीभत्स रूप लिए..
अलमस्त मुखौटे आम है |
क्या काबिल भी बना है कोई,
आंखों में देखा करती हूँ ..
शून्य भाव में सहस चिन्तन ..
अक्सर किया करती हूँ |
तप्त रेतीली हवाओं में..
सागर सा हो तो बात बने
जीवन के ठहराव पर.
गागर सा हो तो.. बात बने..
मिल जाये ऐसा पल स्वयं..
तो मंजिल भी हाथ बढाऐगी,
राह समन्दर में ..
नौका भी दिखलाएगी
बैठ यथार्थ आंखों में स्वप्न..
अक्सर देखा करती हूँ,
शून्य भाव में सहस चिन्तन..
अक्सर किया करती हूँ |
- कविता शर्मा
जीरो पर कविता | Poem on Shunya in Hindi
शून्य में ताकते हुए
क्षितिज पर
जैसे उम्मीद को खोजना
उम्र को रातों सा
बिना आवाज़ किए
गुजरते महसूस करना
कुछ गहरे विचारों
के गुरुत्वाकर्षण को
रोम-रोम में महसूस करना
और इसी क्रम में
फिर से मुस्कुरा देना
यूँ ही बस
शून्य में ताकते हुए..!!
शून्य पर सवार हू | शून्य पर शायरी
शून्य पर सवार हू, मैं गलती हूँ सुधार हूँ।
मैं हार से भी कमा रु , मैं हार का तो मार हूँ
शून्य पर सवार हू
कदमे ठोकरे खा चुके , पर भी कुतरे जा चुके
मैं चमकते उस चाँद का टूटता भार है
शून्य पर सवार हू
राहे मेरी थक चुकी, साँसे भी तो रुक चुकी,
में अधेरा अपार हूँ, जो छूट गया को प्यार है
में शूज्य पे सवार हूँ।
उम्मीद करता हूं कि आप को ऊपर दी गई शायरी और कविता पसंद आई होगी आप से निवेदन है कि आप दूसरे को भी भेजे।