मोमबत्ती पर कविता | Poem on Candel in Hindi

आज की कविता मोमबत्ती पर होने वाली है जिसे पूरी दुनिया में Candel के नाम से प्रसिद्ध है, मोमबत्ती बड़े ही कमाल कि वस्तु या कहे तो चीज है जो हमे अंधेरे से उजाले के तरफ लेके जाती है। दुनिया के लगभग हर देश में कैंडल का उपयोग किया जाता है क्योंकि मोमबत्ती को उपयोग करना बहोत आसान है आप को केवल दुकान से लाना है और माचिस के मदत से जाना देना होता है.
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मोम और बत्ती दो अलग चीज है जब ये आपस में मिल जाते हैं तब मोमबत्ती बनता हैं। चीन देश में पहली बार इसका निर्माण और उपयोग किया गया इसे बनाने में व्हेल मछली के चर्बी को इस्तेमाल किया गया परन्तु 2021 मे अब ऐसा नहीं किया जाता जो मानव जीवन के लिए खुशी की बात है। ये बत्ती हमे रोशनी और उष्मा प्रदान करती है साथ में हमे मोमबत्ती से गर्मी (पर कविता) भी मिलती है जो हमारे घर में रहने वाले कीड़े मकोड़ों को हमसे दूर रहने मे सहायता करता है।

मोमबत्ती पर कविताएं | Poem on Candels in Hindi


मैं तो एक-
वात बावडंर की मारी
अध जली बुझी मोमबत्ती हूँ 
जलाकर प्रकाशित कर दो
गर हाथ में दियासलाई हो ।

हो सकता है कल
तुम्हारी भीगी- ठंडी 
माचिस सेकने के काम आऊं ।

हो सकता है कल
विपत्तियों में घिरे- पड़े देख सुन कर 
अपने दोनों हाथ 
नेक दुआओं के लिए उठाऊँ ।

जलाकर मुझे 
उस जगह सुरक्षित रख दो
जहाँ जिस राह पे अंधेरा हो
हो सकता है कल 
अंधेरे से घबड़ाऐ
व भूला भटके राहगीरों का
पथ प्रदर्शक कहलाऊँ 

Mombatti Par Kavita | Short Poems on Candel Light Night


सीधी सरल मोमबत्ती 
चुप्पी का आवरण ओढ़े ..
समेटे अंतस में कपूर सी देह
साथ ले बाती को 
बिताये संपूर्ण जीवन ..

जरा सी तीली लगाई 
और मद्धिम सी आग से
 तिल तिल जलने को तैयार..
न चिल्लाती न हिलती
सारा जहां करती रोशन.. 

टप टप आँसू बहाती देह
कुछ क्षण में निर्जीव हुआ जीवन..
 सब की दुनिया रोशन करती
खुद का अंधियारा हुआ जीवन..
 ना कोई सवाल किया 
ना कोई जवाब मांगा ..

बस निष्कपट भाव लिए
समर्पित किया 
मानव के लिए अपना जीवन..
(एक स्त्री की भाँति!!)

Mombatti Candels Motivation Quotes Shayari in Hindi


मोम सी पिघलती जिंदगी में 
है आत्मा की रोशनी 
आयु कर्म मोम प्रतिपल  
जल दे रहा है रोशनी 
मोमबत्ती सी जिंदगी 
खड़ी है जब तक पाव पर 
रोशनी लुटा रही 
लगा जिंदगी को दांव पर 


सूर्य के अभाव में 
सब करते मेरी बंदगी 
अंधेरों से लड़ना 
सुबह तक जलना  
बस यही है मेरी जिंदगी 
मैं हूं जलती पिघलती 
मोमबत्ती मोम सी 

मैं मिटकर बिखरकर भी  
चरितार्थ हो जाती हूं 
जब परीक्षा की रात 
किसी बच्चे के काम आती हूं 
मैं अग्निशिखा 
दीप लालटेन मशाल ज्योति बन 
रोशनी प्रकाश खुशिया 
आनंद लुटाती हूं 
कर अंधेरा दूर जग का  
सूर्य को बुलाती हूं 

दिन सूरज का रात मेरी 
यह बात कब से जारी है 
लगता है सूरज दीप की
सबसे पुरानी यारी है 
दीप हो या मोमबत्ती        
 या कि सूरज चांद हो 
प्रकाश पुंज यह सभी
 देते रोशनी अभिराम हो 

आत्मज्योति जब तलक 
आंखों को दे रोशनी 
तन पिंजरा तज आत्मा 
जब चल बसे 
मरघट में जलकर
तन ही हो जाए रोशनी 
पिघले काया मोम सी 
यू राख होती जिंदगी 
जब तक घट में प्राण है 
होती रहेगी रोशनी 


उम्मीद करता हूं कि आप को ऊपर लिखी गई सभी कविता शायरी आप के दिल को चूम के निकली होगी अतः आप से निवेदन है कि आप हमारे ब्लॉग को आप अपने मित्रो के साथ साझा करे।

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