Poetry on Books in Hindi

किताबों पर कविता | Poem on Books in Hindi

मनुष्य ने अपनी सुविधा के लिए बहोत सी नायाब तरीके से कई सारी एसी वस्तुएं बनाई जो कोई भी जानवर नहीं नहीं बना सकता क्योंकि भगवान् ने हम इंसानों के मस्तिष्क को बहोत तेज बनाया। हम इंसानों ने समय के साथ चलते चलते बोलना सीख लिऐ फिर हम लोगो ने कई भाषा लिख…

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