अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कविताएँ | Poem on International Women's Day in Hindi

आज की कविता महिलाओं के ऊपर लिखी गई क्योंकि महिलाये ही जीवन का कारण है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2021 पर हिंदी कविताएँ जिन्हें आप अपने कक्षा 1,2, 3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 मे निबंध में उपयोग कर सकते हे। आज के समय में महिलाओं और पुरुषों को एक समान माना जाता है पर पहले ऐसा नहीं था पुराने समय में महिलाओं को पुरुषों की पैरों की जूती समझा जाता था

आज के इस समय में हर क्षेत्र में महिलाओं का पुरुषों के समान योगदान होता है अक्सर यह पूछा जाता है कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कब मनाया जाता है। वह भारतीय महिला दिवस कब मनाया जाता है तो हम आपको बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है। यह उन महिलाओं को मनाने का दिन है जो व्यक्तिगत और व्यवसायिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हर दिन कड़ी मेहनत करती हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कविता | 2021 International Womens Day Poem
International Women's Day Poem


यह एक ऐसा दिन है जब दुनिया भर में एक्टिविस्टस मूवमेंट और मार्च होते हैं यह पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए संबंधों की ओर बढ़ रहा है। मां अर्थात माता के रूप में नारी धरती पर अपने सबसे पवित्रतम रूप में है माता यानी जननी मां को ईश्वर से भी बढ़कर माना गया है क्योंकि ईश्वर की जन्म दात्री भी नारी ही रही है मां देवकी  तथा मां पार्वती के संदर्भ में हम देख सकते हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कविता | 2021 International Womens Day Poem

सरल सुपावन कोमल नारी ।
निर्भर जिस पर दुनियां सारी ।।
माँ बेटी बहिना बहू नामा ।
निज परिवार बनावत धामा ।।
कोमल हृदय सुपावन बानी ।
धरमशील अतिसय गुणखानी ।।
धर्म कर्म अति निपुण विवेका ।
बल प्रताप सब एक ते एका ।।
साहस शील विनय अनुगामी ।
तेजोमयी अरु अन्तरयामी ।।
दृढ़संकल्पित तन मन प्यारा ।
मुट्ठी में जिनके जग सारा ।।
आन मान है शान निराली ।
मात्रृ शक्ति मुस्कान निराली ।।
नभ जल थल में कर्म निरत है ।
विस्मित जिनसे आज जगत है ।।
सबसे पूजित सबसे प्यारी ।
भूमंडल की सिगरी नारी ।।
नारी शक्ति को शीश नवाते ।
"महिला दिवस" हैं आज मनाते ।

अशोक कुमार पंत 
  ( अभ्यासी )

किंतु बदलते समय के हिसाब से संतानों ने अपनी मां का महत्व देना कम कर दिया है यह चिंताजनक पहलू है सब धन लिप्सा वह अपने स्वार्थ में डूबते जा रहे हैं परंतु जन्म देने वाली माता के रूप में नारी का सम्मान अनिवार्य रूप से होना चाहिए । जो वर्तमान में कम हो गया है यह सवाल आजकल यह प्रश्न की तरह और पांव पसारता जा रहा है। इस बारे में नई पीढ़ी को आत्मलोकल करना चाहिए।

अगर हम आपको बता दें तो आजकल की महिलाएं पर नजर डालें तो हम पाते हैं कि महिलाएं आजकल बहुत बाजी मार रही हैं। इन्हें हर क्षेत्र में हम आगे बढ़ते हुए देखा जा सकता है विभिन्न परीक्षाओं की मेरिट लिस्ट में लड़कियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं। किसी से इन्हें कमजोर समझा जाता था किंतु इन्होंने अपनी मेहनत और मेघा शक्ति के बल पर हर क्षेत्र में प्रवीणता अर्जित कर ली है इनकी इसी प्रतिभा का सम्मान किया जाना चाहिए

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