ईद मुबारक कविता | Eid Mubarak Poem in Hindi

धरती पे हजारो धर्म के लोग अपना जीवन ख़ुशीहाली से जीते है और भारत में मुख्यतया धर्म हिन्दू , मुसलमान, बुद्धिष्ट, ईसाई , जैन इन धर्मो के लोग निवास करते आ रहे हैं। आज यानी "14 May 2021" को इस्लाम (=मुसलमान) का पवित्र त्योहार "ईद उल फित्र" मनाया जाता है जो रमज़ान में रोजा रखने के बाद आता है। इस दिन सभी मजहब & धर्म के लोग अपने मुसलमान मित्रो पडोसीवो को Eid Mubarak कहके उन्हें बधाइयाँ देते है कई लोग तो Musalman के घर जा के खीर भी खाते हुए दिखाई पड़ते है। इंटरनेट पे भी लोग एक दूसरे को Eid Mubarak Quote Poems Shayari से Wish करते हुए दिखाई देते है। 

Eid mubarak poem hindi kavita images pictures quotes pics photos png poster

ईद मुबारक पर कविता । Eid Mubarak Poem in Hindi


आओ ईद- ए-कुर्बां को मुहब्बत से मनाया जाए, 
अपने इस हिन्द को जलने से बचाया जाए।।

शीश कट जाए मगर शीश ना झुकने देंगे, 
अपने बच्चों को यही पाठ पढ़ाया जाए।। 

फैले सुख शांति चहुँ ओर फिर से घांटी में,
आओ मिलकर उसे केसर से सजाया जाए।। 

कहीं कलाम कहीं पर राम बनके चमकेंगे, 
अपने बच्चों को यूँ तालीम सिखाया जाए।।

 जैश-ए-मुहम्मद ना फन अपना उठाने पाए, 
अपने बच्चों को अब कलाम बनाया जाए ।।

कश्मीर की घांटी से कन्याकुमारी तक अब, 
हर जगह देश का तिरंगा को लहराया जाए ।।

देके कुर्बानी नफरतों का अब मोहब्त करलें, 
अब तो फिर से ना कहीं देश जलाया जाए।। 

ईद मुबारक कविताएं । Eid Mubarak Kavita in Hindi 


मेरी जाँ दूर हो तो क्या, मुबारक ईद हो तुमकों
सुनो मजबूर हो तो क्या, मुबारक ईद हो तुमकों

अभी सब रास्ते बंद है,बताओ कैसे आऊं मैं
तेरी ख़ातिर मेरे हमदम,दो कंगन कैसे लाऊं मैं
अभी पहनों पुराने ही, मुबारक ईद हो तुमकों

बरस अगले मैं आऊंगा,मैं झुमका भी जाँ लाऊँगा
तेरी चोली तेरा लहंगा,मैं सब तुझको दिलाऊंगा
लगोगे तुम दीवाने जी, मुबारक ईद हो तुमको

गले मिल न सके तो क्या,चलो तस्वीर ले लो तुम
लगाओ सीने से मुझको,बलाएँ मेरी ले लो तुम
कहो सचिन तराने भी,मुबारक ईद हो तुमको
-- सचिन गोयल

ईद पर कविता । Poem on Eid Mubarak in Hindi


आनेवाली ईद है उसदिन आ जाना।
गानेवाली ईद है उसदिन आजाना।।
ख्वाब सजाते हैं तो मिलता वक्त हमें।
छानेवाली है ईद कि उसदिन आ जाना।।

रहती नहीं पाबंदी कहीं निकलने में।
ईदगाह तक होते मौके टहलने में।।
खाला के घर आने में है न रुसवाई।
नजर बचाकर हमसे मिलने आ जाना।।

तेरे लिए नजराने रखे हैं वर्षों से।
कली गुलाब की रखी है चुपके परसों से।।
ईद खुशी को लाती है तो लाये वो कल।
मेरे मन के द्वार से तुम घर आ जाना ।।

रब से यही मुरादें हमने मांगी है ।
सबकी डोर तुम्हीं ने भगवन थामी है।।
जानते हो सबके हृदय की बात तुम तो।
आकर मेरी भी तो आस पूरा जाना।
तेरे लिए नजराने रखे हैं वर्षों से।
चुनक फूलों को रखा है परसों से।।

ईद मुबारक छोटी कविता । Very Short Poem on Eid Mubarak in Hindi

दीवानों की ईद
छत पर तूने चाँद दिखाया
बड़ी भली यह दीद है
जश्न मनाएं दीवानें सब
आज हमारी ईद है।

हम तो दुआ में ख़ैर मनाते
यार सलामत रहे मिरा
चुपके से ईदी दे जाना
ख़री सी यह ताक़ीद है।

आज बुलाया कूचे में है
कुछ नज़राना पेश करुँ
देखो रुसवा मत कर जाना
तुम से बड़ी उम्मीद है।

आज बदल दिल अपना देखें
दोनों इक दूजे का रख लें
दिल को सस्ता मान न लेना
मँहगी मेरी ख़रीद है।
मधुकर वनमाली


पोएम इन हिन्दी ईद मुबारक | Poem in Hindi on Eid Mubarak

ईद आई ईद आई
खुशियों का पैगाम लाई
आओ हम सब उसे मनाएं
गिले शिकवे को हम मिटाएं

ईद का त्योहार लाता,
खुशियों की बौछार
बरसाता प्रेम के रंग
 हमेशा मनाते संग संग
सभी धर्मों की एकता दर्शाता
फिरका परसतो को करें तंग

ईद का त्योहार, 
मोहब्बत का त्योहार
करवाता प्यार का इजहार
लाता रिश्तों में निखार
फैलाता प्रेम की व्यार
~ अशोक शर्मा वशिष्ठ

Eid ul fitr Eid Mubarak wishes hindi

ईदे जश्न ।

बादलों के नकाब से निकल आया है चाँद, 
दुनिया ने मनायी ईद निकल आया है चाँद । 
रोज़े की रातें ख़त्म हुई, ईदें जश्न मनाइये, 
मिटाकर गिले शिकवे गले तो लग जाइये।

रमज़ान के रोज़ों से दिल को पाक बनाइये, 
ईद के शीर खोरमें को फिर प्यार से खिलाइये। 
दुश्मन को भी अपना तुम प्यारा दोस्त बनाइये, 
पाक कुरान की आयतों को दिल से तो लगाइये।

क्या ले आये थे यहाँ क्या तुम लेकर जाओगे, 
नायाब है यह ज़िन्दगी सब से प्यार जताइये, 
यहाँ कोई नहीं है पराया, सबको अपना बनाइये, 
स्वर्ग सी धरती पर जन्नत की फिजा ले आइये। कविता चाँदवानी।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने