नमस्कार दोस्तों आपका हार्दिक स्वागत है मनुष्य अपने स्वभाव के औरों के साथ मिलकर जीने वाला प्राणी है अन्य लोगों के साथ रिलेशन या सिलसिला जन्म के साथ शुरू होता है। वह इन संबंधों का निर्वहन करते हुए संपूर्ण जीवन कभी सुख तो कभी दुख के साथ व्यतीत करता है मानव कभी अपनेपन से तो कभी भी मातृत्व भाव को जगाकर या अनुभव कर दिया प्रेमिक सम्बन्ध के सहारे जीवन बिता लेता है जो बालपन से आरंभ होकर अंतिम सांस तक बनाया निभाई जाती है।
अन्य पारिवारिक एवं रक्त संबंधों की तुलना में मित्रता इसलिए अहम है क्योंकि यह लोग से भरे होने के साथ ही आनंद की खान एवं ईमानदारी एवं सच्चाई की पिलर के सहारे आगे बढ़ती है किंतु एक सच्चे मित्र की पहचान समय आने पर ही होती है बालपन की दोस्ती अधिक पवित्र लोग रहित आनंद से परे होती है बालक पन की मित्रता मन भावुक होती है।
दोस्त पर कविता इन हिन्दी | Poem For Best Friends in Hindi
दोस्त हो, किताब हो...
रास्ता या सोच की बात हो,
हम अजनबी से खड़े रहे -
न तुम, न मैं, न कोई सौगात हो।
गलत हुँ, गुमराह हुँ....
आहत सही की आह हुँ,
बस जीवन या, जज्बात हो,
काश, अपने आप से मुलाकात हो।
न तुम, न मैं, न कोई सौगात हो।
परखने वाले सच्चे हो न हो,
सत्यता तो युँ ही मौन हो....
बेशक, हों चाहे कुछ भी -
कुछ और कहलाने के हालात हो।
न तुम न मैं, न कोई सौगात हो।
किसीने किसीको कुछ बताया,
अपने आपको शहंशाह बताया...
किसे सही किसे गलत,
इसी उधेड़बुन में भटके जज्बात हो,
और ऐसे ही भटके,
भावों की जगह हवालात हो।
न तुम, न मैं, न कोई सौगात हो।
काश अपने आप से मुलाकात हो
दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो चुनाव व्यक्ति स्वयं करता है सभी मित्रता रंग रूप नहीं देखता जात पात नहीं देखते उसने गरीबी अमीरी तथा इस प्रकार के किसी भी भेदभाव का खंडन करती है आमतौर पर यह समझा जाता है कि मित्रता हम उम्र के मध्य होती है मित्रता किसी भी उम्र में और किसी के साथ भी हो सकती हैं मित्रता दो या दो से अधिक लोगों के बीच एक पारस्परिक संबंध है जो एक दूसरे से मित्रता पूर्ण तरीके से जुड़ी हुई है और आपस में लगाव रखते हैं।