Hindi Poetry On Road & Sadak:- भारत देश के अलावा सभी देशों के सड़क रास्तों पर दुर्घटना होने से कई बेजुबान जानवरों और इंसानों की मृत्यु एक्सीडेंट होने के कारण हो जाती है। हम सभी जानते हैं की रोड बनाने में कई सारी अलग-अलग किस्म के पेड़ जिससे हमें ऑक्सीजन मिलता है उसकी कटाई हो जाती है यही कारण है कि आज हमें प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। रोड पर लिखी आज की कविता सभी कक्षाओं के बच्चों के लिए है जैसे 1, 2, 3, 4, 5, 6 ,7, 8, 9, 10, 11, 12
Sadak Bani Hai Lambi Chaudi Kids Poem Lyrics in Hindi
सड़क बनी है लम्बी चौड़ी
उसमे जाती मोटर दौड़ी
सब बच्चे पटरी पर आओ
बीच सड़क पे कभी न जाओ
जाओगे तो दब जाओगे
चोट लगेगी पछताओगे
मैं सड़क हूँ हिंदी कविता - Road Poems In Hindi
"मैं सड़क हूँ " मैं तो सड़क हूँ,
कहीं मिट्टी तो, कहीं डामर कड़क हूँ,
ऐ मेरे चलने वाले पथिक,
देख कर तुम्हारे पाँव के छाले,
है मेरा मन भी बहुत व्यथित,
काश हमारे वश में होता तो,
दूर के सफ़र में तुम्हारे लिए,
सिमट कर छोटी हो जाती,
इन पथरीली राहों में कुछ,
फूल बिछा देती कदमों के नीचे,
काश मैं ऐसा कुछ कर पाती,
मैं तो सड़क हूँ, कहीं मिट्टी तो,
कहीं डामर कड़क हूँ,
कैसे पहुँचाऊँ मैं तुम्हें,
तुम्हारे घर तक,
बार बार सोचती हूँ पर,
समझ न पाई कुछ अब तक,
वेजान हूँ बेबाक हूँ मैं,
सुनता नहीं कोई भी,
मेरे मन की बातों को,
समझता नहीं कोई भी,
मेरे दिल के जज्बातों को,
मेरे ही सीने पर चलकर,
सियासत की टोपी पहन कर,
फिर निकलेगें जुमले वाले,
निशान बताएगें हर घर जा कर,
मुझे माफ करना नौजवानों,
मुझे माफ करना माँ बहनों,
मुझे माफ करना नौनिहालों,
मैं वेजान आवारा सड़क हूँ,
मैं तो सड़क कहीं मिट्टी तो,
कहीं डामर कड़क हूँ,
मैं तो सड़क हूँ।
Sad Poem Kavita On Roadways in Hindi
तुम मुझे बनाते हो, और फिर रौंदते हो
अपने पैरों के जूतों, अपनी गाड़ी के पहियों
और अपनी तेज़,अंतहीन रफ्तार से
तुम मुझ पर,आजीवन भागते हो
मगर मैं, तुम्हें कहीं नहीं पहुँचाती
और ज़रा सोचो, अगर मुझमें
ऐसी कोई सामर्थ्य होती, तो मैं स्वयं
किसी मंज़िल पर जाकर, सुस्ता रही होती
मैं तो किसी नदी की तरह
ख़ुशकिस्मत भी नहीं, कि कोई सागर
मुझे अपनी गोद में जगह दे दे
मुझे तुमने, एक इंसान ने बनाया है।
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मैं उम्मीद करता हूं कि आपने ऊपर दी गई कविताओं का आनंद लिया होगा और सड़क के बारे में थोड़ी सी जानकारी आपको मिली है इसलिए मैं आपसे निवेदन करता हूं कि आप इस कविता को अपने बच्चों को जरूर सुनाएं और अपने मित्रों को भी इस कविता को भेजें।