Hindi Poem for Class 1 Ncert Book Rimjhim

Cbse Class 1 Hindi Poems:- भारत के सभी स्कूलों में बच्चों को किताबों के द्वारा पढ़ाया जाता है जिसके कारण बच्चों का मानसिक रूप से काफी अच्छे से विकास हो जाता है। भारत की स्कूलों में जो किताबें लगती हूं अधिकतर सरकारी होती है जिसका एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशन किया जाता है उसी में से एक किताब का नाम है रिमझिम जो कक्षा एक के लिए विशेष का बनाए गए हैं ताकि बच्चों को कविता पढ़ा कर उन्हें सिखाया जा सके आज मैं उन्हीं कविता को आपके सामने प्रस्तुत करने जा रहा हूं।

झूला हिंदी कविता - Class 1 Hindi Poem Jhula Chapter 1 Ncert Rimjhim 


अम्मा आज लगा दे झूला, इस झूले पर मैं झूलूँगा। 
इस पर चढ़कर ऊपर बढ़कर, आसमान को मैं छू लूँगा। 
झूला झूल रही है डाली, झूल रहा है पत्ता-पत्ता । 
इस झूले पर बड़ा मज़ा है, चल दिल्ली ले चल कलकत्ता ।
झूल रही नीचे की धरती, उड़ चल उड़ चल
उड़ चल उड़ चल, बरस रहा है रिमझिम रिमझिम, 
उड़कर लूदूँ दल-बादल ।

पकौड़ी हिंदी कविता - Hindi Kavita for Class 1 Chapter 5 Rimjhim Book


दौड़ी- दौड़ी आई पकौड़ी ।
छुन छुन छुन छुन तेल में नाची,
प्लेट में आ शरमाई पकौड़ी ।
दौड़ी- दौड़ी आई पकौड़
हाथ से उछली मुँह में पहुँची, 
पेट में जा घबराई पकौड़ी।
दौड़ी-दौड़ी आई पकौड़ी।
मेरे मन को भाई पकौड़ी।

छुक-छुक गाड़ी हिन्दी कविता - Short Hindi Poems for Class 1 One


छूटी मेरी रेल। रे बाबू, छूटी मेरी रेल । 
हट जाओ, हट जाओ भैया! 
मैं न जानूँ, फिर कुछ भैया! 
टकरा जाए रेल।
धक धक धक धक धू धू धू धू !

भक-भक, भक-भक, भू-भू भू-भू! 
छक छक छक छक छू-छू छू-छू!

करती आई रेल ।
इंजन इसका भारी-भरकम।
बढ़ता जाता गमगम गमगम
धमधम धमधम, धमधम धमधम।
करता ठेलम ठेल।

सुनो गार्ड ने दे दी सीटी । 
टिकट देखता फिरता टीटी । 
सटी हुई वीटी से वीटी। 
करती पेलम पेला छूटी मेरी रेल ।          


रसोईघर हिन्दी कविता -  Class 1 Hindi Poem ncert Chapter 7


आज रसोईघर की खिड़की, 
मुन्ना मुन्नी खोल रहे हैं। 
अंदर देखा, चकला-बेलन, 
चाकू छलनी बोल रहे हैं।

मैं चाकू, सब्जी फल काढूँ, 
टुकड़ा टुकड़ा सबको बाँहूँ। 
गाजर-मूली प्याज टमाटर, 
छीलो काटो रखो सजाकर

गोल चाँद-सी हूँ मैं थाली, 
बज सकती बनकर ताली। 
मुझमें रोटी-सब्ज़ी डाली, 
और सभी ने झटपट खा ली।  

चूहो! म्याऊँ सो रही है हिन्दी कविता - Hindi  Class 1 Poem Chapter 8 


घर के पीछे,छत के नीचे,
पाँव पसारे, पूँछ सँवारे ।
देखो कोई,मौसी सोई,
नासों में से,साँसों में से।

घर घर घर घर हो रही है. 
चूहो! म्याऊँ सो रही है।
बिल्ली सोई, खुली रसोई,
भरे पतीले, चने रसीले।
उलटो मटका, देकर झटका, 
जो कुछ पाओ, चट कर जाओ।

आज हमारा दूध दही है, 
चूहो! म्याऊँ सो रही है।
मूँछ मरोड़ो, पूँछ सिकोड़ो,
नीचे उतरो, चीजें कुतरो ।
आज हमारा, राज हमारा, 
करो तबाही, जो मनचाही।
आज मची है, चूहा शाही,
डर कुछ भी चूहों को नहीं है. 
चूहो! म्याऊँ सो रही है।

मकड़ी-ककड़ी-लकड़ी हिन्दी कविता - 1 Class ka Hindi Poem


हमने तीन चीजें देखी. 
दादा तीन चीजें देखीं।
एक डाल पर थी इक मकड़ी, 
लकड़ी पर बैठी थी मकड़ी, 
मकड़ी खा रही थी ककड़ी।
लकड़ी, मकड़ी, ककड़ी,
मकड़ी, ककड़ी, लकड़ी,
ककड़ी, लकड़ी, मकड़ी।

हमने तीन चीजें देखीं, 
दादा तीन चीजें देखीं।
एक खेत में थी कुछ बालू,
बालू पर बैठा था भालू, 
भालू खा रहा था आलू।
बालू, भालू, आलू,
बालू, आलू, बालू,
आलू, बालू, भालू।

हसी वाली कविता - Hasya Kavita Class 1st Chapter 10


पगड़ी मैली पगड़ी,
इतनी रगड़ी, इतनी रगड़ी,
इतनी रगड़ी. इतनी रगड़ी.
रह गया मैल. रह गई पगड़ी।
हट्टी-कट्टी, मोटी-तगड़ी,
मलकिन झगड़ी,इतनी झगड़ी,
इतनी झगड़ी.इतनी झगड़ी,
इतनी झगड़ी.तर गया मैल,
और तर गई पगड़ी।
मालकिन ने मैली पगड़ी खूब रगड़ी। 

पतंग हिंदी कविता - Class 1 Ncert Chapter 11 Kite Poem

र सर सर उड़ी पतंग,फर फर फर उडी पतंग
ओ काटा, उसको काटाब लगाया सैर सपाटा। 
कोने में जुटी पतंग, अरे कट गई, 
लुटी पतंगर सर सर उड़ी पतंग, 
फर-फर फर-फर उड़ी पतंग।


बंदर कविता हिंदी - Class 1 Ncert Chapter 13 Poem

 बंदर गया खेत में भार गया खेत में भाग, 
चुट्टर मुट्टर तोड़ा साग जलाकर चट्टर मट्टर, 
साग पकाया खद्दर-बद्दर ड़ सूपड़ खाया खूब, 
पोंछा मुँह उखाड़कर दी बिछा, ओढ़कर सूप, 
डटकर सोए बंदर भूप

चकई के चकदुम कविता - Ncert Class 1 Chapter 17

चकई के चकदुम, चकई के चकदम!
गाँव की मड़ैया, साथ रहें हम-तुम। 
चकई के चकदुम, 
चकई के चकदुम ग्वाले की गैया, 
दूध पिएँ हम-तुम

चकई के चकदुम, चकई के चकदुम !
कागज़ की नैया पार करें हम-तुम ।
चकई के चकदुम, चकई के चकदम! 
फुलवा की बगिया, फूल चुनें हम-तुम

चकई के चकदुम, 
चकई के चकदुम खेल खतम भैया! 
आओ चलें हम-तुम

छोटी का कमाल कविता - Chapter 18 Class 1 Ncert 


समरसिंह थे बहुत अकड़ते,
छोटी, कितनी छोटी।
मैं हूँ आलू भरा पराँठा, छोटी पतली रोटी।
मैं हूँ लंबा, मोटा तगड़ा,
छोटी पतली दुबली।
मैं मोटा पटसन का रस्सा,
छोटी कच्ची सुतली |
लेकिन जब बैठे सी-सॉ पर,
होश ठिकाने आए,
छोटी जा पहुँची चोटी पर समरसिंह चकराए।


चार चने हिंदी कविता - Chapter 19 Class 1 Book NCERT

पैसा पास होता तो चार चने लाते, 
चार में से एक चना तोते को खिलाते। 
तोते को खिलाते तो टाँय टाँय गाता, 
टॉय टाँय गाता तो बड़ा मज़ा आता

पैसा पास होता तो चार चने लाते, 
चार में से एक चना घोड़े को खिलाते। 
घोड़े को खिलाते तो पीठ पर बिठाता, 
पीठ पर बिठाता तो बड़ा मज़ा आता

पैसा पास होता तो चार चने लाते, 
चार में से एक चना चूहे को खिलाते। 
चूहे को खिलाते तो दाँत टूट जाता, 
दाँत टूट जाता तो बड़ा मज़ा आता

भगदड़ हिंदी कविता - Hasya Kavita in Hindi for Class 1 Chapters 20


बुढ़िया चला रही थी चक्की, 
पूरे साठ वर्ष की पक्की। 
दोने में थी रखी मिठाई, 
उस पर उड़कर मक्खी आई।

झपटी बुढ़िया घर के अंदर, 
कुत्ता भागा रोटी लेकर।
बुढ़िया तब फिर निकली बाहर, 
बकरा घुसा तुरंत ही भीतर। 
बुढ़िया चली, गिर गया मटका, 
तब तक वह बकरा भी सटका ।
बुढ़िया बैठ गई तब थककर, 
सौंप दिया बिल्ली को ही घर ।


हाथी चल्लम चल्लम हिन्दी कविता - Ncert Chapter 21 Elephant Poem in Hindi


हल्लम हल्लम हौदा, हाथी चल्लम चल्लम, 
हम बैठे हाथी पर, 
हाथी हल्लम हल्लम लंबी लंबी 
सूँड़ फटाफट फट्टर फट्टर लंबे लंबे 
दाँत खटाखट खट्टर खट्टर 
भारी भारी मूँड़ मटकता, 
झम्मम झम्मम, हल्लम हल्लम हौदा, 
हाथी चल्लम चल्लम


पर्वत जैसी देह थुलथुली, 
थल्लल थल्लल हालर हालर देह हिले, 
जब हाथी चल्लल खंभे जैसे 
पाँव धपाधप बढ़ते घम्मम, 
हल्लम हल्लम हौदा, 
हाथी चल्लम चल्लम हाथी जैसी नहीं सवारी, 
अग्गड़बग्गड़ पीलवान पुच्छन बैठा है, 
बाँधे परगड़ बैठे बच्चे बीच सभी हम, 
डग्गम डग्गम, हल्लम हल्लम हौदा, 
हाथी चल्लम चल्लम | 

दिनभर घूमेंगे हाथी पर, हल्लर हल्लर हाथी दादा, 
जरा नाच दो, थल्लर थल्लर अरे नहीं, 
हम गिर जाएँगे धम्मम घम्मम, 
हल्लम हल्लम हौदा, हाथी चल्लम चल्लम

बच्चो की कविता - Hindi rhymes for Class 1 Last Poem

पुराने बच्चे हम पहली के बच्चे हैं
अधरे पक्के कच्चे हैं।
एक साल हो गया हमें
इस विद्यालय में आए पिछले पूरे साल में हमने
कितने मजे उड़ाए।

रंग बिरंगे कागज काटे
काट काट चिपकाए
खेल कूदे, पढ़े लिखे
और ढेरों गाने गाए।

पूरी छोले, इडली सांभर
क्या क्या माल उड़ाए घर जा कर अपने स्कूल के
किस्से खूब सुनाए।

आने वाले साल में भी हम
मिलकर मौज उड़ाएँगे
नई नई चीजें सीखेंगे
बढ़िया गाने गाएँगे
तुम सब जो इस साल आए हो
साथ हमारे खेलोगे साथ साथ गाने गाओगे
संग संग झूले झूलोगे।

धीरे धीरे साथ-साथ हम ऊपर चढ़ते जाएँगे
नए नए बच्चों को ऐसे गाने सदा सुनाएँगे।

अन्य कविता भी पढ़े


बच्चों की लिखी गई कविताएं जो एनसीईआरटी किताब की कक्षा एक में दी गई हैं वह सारी बहुत बेहतरीन है मैं उम्मीद करूंगा कि आप उन कविताओं को अपने बच्चों को जरूर बनाएंगे और उनको याद दिलाएंगे ताकि वह अपने भविष्य का ध्यान आगे देख सके इसलिए मैं आपसे निवेदन कर आपको उन कविताओं को अपने मित्रों के साथ साझा करें धन्यवाद।
    

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने