चाय पर कविता | Poem on Tea in Hindi

Poetry on Tea in Hindi :- भगवान बुद्ध के देश भारत में कई सारी ऐसी खाने पीने के स्वाद दिष्ट पकवान बनाए जाते है जिन्हे लोग बहोत शोख से खाते है। आज की "चाय पर लेख" को पड़ रहे है उसमे आपको चाय प्रेम पे कविता लिखी गई है। चाय बहोत मीठी होने के कारण लोग बहोत पसंद होता है और भारत के सभी राज्यों के कोने कोने में लाखो चाय की टपरिया देखने को मिलती है। Sugar से बनी Chay को पीने से लोगो को Diabetes Decease भी बहोत होता है इसलिए आप बहोत सावधानी बरतनी चाहिए।



सुबह की चाय कविता - Morning Chay Poem in Hindi


सुबह-सुबह ललचाती चाय
सबके मन को भाती चाय।
गरमी, जाड़े, बरसात में  
हम सब को फुसलाती चाय।

पापा जी शौख फरमाते,
माँ की थकन मिटाती चाय।
चुनिया, मुनिया, राजेश को
आपस में लड़वाती चाय।

घर, आँफिस या हो चौपाटी
अपने पास बुलाती चाय।

जब होते हैं हम सफर में
गैरों को मित्र बनाती चाय।
एक बार यदि मुँह लग जाए
फिर कहाँ छूट पाती चाय।
-बलदाऊ राम साहू


चाय पर हास्य कविता - Tea Funny Poem In Hindi


लायी पत्नी चाय को, बड़े प्यार से आज।
चाय संग लो खाइए, नीबू मिर्ची प्याज।।
नीबू मिर्ची प्याज, देखकर मैं यूँ बोला।
डरते डरते आज, मुंह हिम्मत कर खोला।।
नीबू खाता कौन, कहाँ से तुम हो आयी।
खाते बिस्कुट ब्रैड , चाय तुम नीबू लायी।।1।।

चारों टाइम खूब ही, चाय पीजिए आप।
आज दिवस है चाय का, खूब बढ़ाए ताप।।
खूब बढ़ाए ताप, भोज ये ही सब होगा।
डिनर नास्ता लंच, सभी में चाय हि होगा।।
मरा भूख से आज, साँस अटकी है यारों।
कैसे लिख दूँ व्यंग, बुरे टाइम हैं चारों।।2।।

जिसको मरना भूख से, दिवस करेगा साफ।
मुझको तो कर दीजिए, प्रियजन बिल्कुल माफ।।
प्रियजन बिल्कुल माफ, लिया है बदला मुझसे।
हाल हुआ बेहाल, बताना नहिँ तुम उससे।।
पत्नी बोली फेर, चाय लायी हूँ खिसको।
मैं बोला दो भात, चाय तुम दे दो जिसको।।3।।
लेखक -आई जे सिंहदिल्ली

•चाय की कविता कोश - Tea Kavita Kosh Hindi

 पता नहीं क्यों रहता है मुझे दिन भर इंतजार
 शाम कि वो चाय का। 
 शाम कि वो चाय जो सिर्फ चाय नहीं
 मेरे तुम्हारे प्रेम के वो मीठे घूंट है
 जिसे हम जेहन में उतारते हैं
 एक दूसरे के मनुहारों के साथ। 

 क्या हुआ दिनभर, बच्चों ने आज क्या शैतानी की
 यह भी तो जताती हूं चाय के साथ
 और हां दालचीनी और अदरक के स्वाद के साथ
 बन बन कर बताती हूं दिनभर की परेशानी
 जैसे सब कुछ छूमंतर हो जाएगी
 वो तुम्हारे संग वाली शाम की चाय के साथ। 

 हां सुकून मिलता है मुझे जब तुम समझते हो
 मेरी परेशानी, मेरी झूठी शिकायतें, मेरी थकान
 और कहते हो चाय तो लाजवाब बनी है
 सच में बहुत अच्छी लगती है मुझे वो शाम की चाय
 जो ले आती है हमारी दिलो को करीब
 क्योंकि शाम कि वो चाय जो सिर्फ चाय नहीं

 मेरे तुम्हारे प्रेम के वह मीठे घूंट है
 बेशक लाजवाब है दिन भर की बिछोह के बाद
 तुम्हारे मेरे जज्बातों को बयां करती  
 वह हमारी प्यार भरी शाम की चाय। 
                                                       -निधि शर्मा।

•चाय पर हास्य कविता - Tea Poems in Hindi

मुआ रामू है हरजाई
अज्ज कैसी चाय बनाई 
पत्ती डालना भूल गया
लगता है भांग मिलाई
नाक सिकोड़ा ननदी ने
श्वसुर ने ली जम्हाई
सास ने तेवर कड़े किए
बहुरानी पे चिल्लाई
देवर छोटा रूठ गया
उलाहना दे भौजाई
बालम उठ गए दफ़्तर को
बिना ही रोटी खाई
पूरा घर ही उलट गया
चाय ने जो चोट लगाई
नासमझे इस रामू को
अक्ल कभी न आई
सुबह की चाय जो बिगड़ी
दिवस बिगाड़े भाई



एक कप चाय पर कविता इन हिन्दी

जब मिलता हम को चाय गरम
खुल जाता है हमारा यह करम।
निकल जाते अंदरुनी पूरे भरम
हम हो जाते है भीतर से नरम।।

मैं ना करता चाय मैं कोई शरम 
परिवार रिश्तेदार या मित्र परम।
ठण्डी हो या फिर वह हो गरम
 जहाँ पर पी है भूलते नही जन्म।।

हम रहेंगे सदा तुम्हारे ही सनम
तुमको है आज हमारी ये कसम। 
कडक चाय है दवा जैसे मरहम
रखना सदैव हम सभी पर रहम।।

चाय का दूर- दूर तक है परचम
अदरक दूध चीनी मिले अनुपम।
 मिलकर रहो और रखो ये संयम
 लेकिन अपना कब होगा संगम।। 

करते है नारी शक्तियों हम नमन
चलो हमारे संग मिलाकर कदम। 
आज खेल करो नही तुम खतम
 एक कप चाय हो जाए गर्म गर्म।।
- CRPF दीवान गणपत लाल उदय 

चाय पर मारवाड़ी कविता

देखिए ये जो चाय पीने का बहाना है ,
बस आपको तो, मुझे पास बुलाना है ।
फिर ये किचन का काम कौन करवायेगा ,
फिर कहोगे,कि खाना लेट हो जायेगा ।
सुनो थोड़ा धीरज धरो , अभी बनाती हूं ,
पहले काम थोड़ा सा ये निपटाती हूं।
फिर बैठेंगे, फुर्सत के कुछ पल निकाल ,
तुम चाय पीना , मैं देखूंगी तुम्हें निहार ।
बाहर आंगन में ,चारपाई बिछाई है ,
चांदनी भी देखो , खूब छिटक आई है ।
ये हमारे जीवन के , कितने खास पल हैं ,
जो तुमको और मुझको बहुत पसंद हैं।
क्या तुम इन्हें जल्दबाजी में यूं गवांओगे ,
थोड़ा रुको , अभी न कहना चाय कब पिलाओगे ।
    -शुभ्रा पालीवाल 

चाय पर शायरी - Chay Par Shayari in Hindi


तुम्हारी ना में हा कुछ ऐसा मिला दूं
तुम कॉफ़ी के लिए कहो.... 
और मैं "चाय" पिला दूं!!!

Tea Lover Shayari in Hindi

नरम सुर्ख होटों से गरम सुर्ख चाय
की मस्त चुस्की और बैठ जाएं चार यार
कटिंग चाय, समोसा मैं और तुम
बस जीने को और क्या चाहिए?


Gulzar Chai Shayari in Hindi,चाय पर गाना,चाय पर स्लोगन,चाय पर गजल,चाय और शराब शायरी,कुल्हड़ की चाय शायरी,चाय पर शायरी रेख्ता,चाय और तुम कविता मौजूदा समय में चाय को भारत देश के अलावा विदेशो में चाय को बेचा जाता है कई भारतीय नागरिक अपने देश से विदेशो में चाय के Cantein खोलकर लाखो रुपए कमाते है। उम्मीद करता हु की आपको जितनी भी Information दिया हु उससे आपको बहोत मदत मिली होगी इसलिए निवेदन करता हु की आप इस पोस्ट को अपने मित्रो के साथ शेयर करे ताकि ये सारी जानकारी लोगो तक पहुंच सके।

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