आज हर किसी के पास कोई न कोई वाहान ही जिससे हो चलता है आज आपको सड़क सुरक्षा पर कविता देखने को मिलेगा। जिन्हे आप लोग अपने निबंध परीक्षा में उपयोग कर सकते हैं आप चाहे जिस भी कक्षा के क्षात्र हो 1,2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 साथ ही आप को कुछ जानकारी भी दे देते है
सड़क परिवहन छोटी एवं मध्यम दूरी तय करने का महत्वपूर्ण साधन है। मानव एवं यंत्रो के संचालन में तेजी लाकर सड़क परिवहन देश की आंतरिक तथा बाह्म सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सड़क यातायात कच्चे माल,तैयार माल एवं श्रम के संचलन द्वारा कृषि और उधोगो की मदद करता है। देश के आर्थिक जीवन का अत्यधिक महत्व होता है वर्तमान प्रणाली में यातायात के अनेक साधन हैं। जैसे-रेल सड़क ,तटवर्ती नौ-संचालन,वायु परिवहन इत्यादि सामिल है।
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Road Safety Poem Image |
पिछले वर्षों में इस क्षेत्र में उल्लेखनीय विकाश के साथ -साथ विस्तार भी हुआ है। यातायात के विभिन्न प्रकार के आधुनिक साधनों का विकाश तथा इसके संचालन में आपसी समन्वय, देश की राजनीतिक तथा आर्थिक एकता व विकाश के लिए महत्वपूर्ण है। इसी प्रकार संचार के साधन संदेशो या विचारो को प्रसारित करते है।
सड़क सुरक्षा पर कविता | Poem On Road Safety in Hindi
सड़क सुरक्षा नियमों पर कविता
जब मैं निकलती हूँ सड़क पर,
ऐसा लगता है मैं हूँ सरहद पर |
हर तरफ युद्ध का नजारा होता है,
हर कोई इस युद्ध में शामिल होता है,
ये देख मेरी दिल की धडकने बढ़ने लगती है,
जब हर कोई सड़क पर जंग लड़ रहा होता है |
जब मैं निकलती हूँ सड़क पर,
ऐसा लगता है मैं हूँ सरहद पर |
वो मिसाइल की रफ़्तार से आगे निकलता है,
और किसी ना किसी की जान लेकर ही दम लेता है,
कोई और उसका निशाना न भी बने तो
कभी ना कभी खुद ही फट जाता है।
सुना हो जाता है आंगन किसी का
किसी की जिंदगी बदरंग हो जाती है,
कयों भागते हैं इतना तेज हम,
किसी की खुशी में मातम हो जाता है
रूक भी जाया करो किसी को तुम्हारा इंतजार है,
कुछ देर से पहुंचोगे मगर पहुंचोगे तो सही,
कुछ पल की देरी दिल बर्दास्त भी कर लेगा,
न पहुंचोगे तुम तो, किसी का जीवन खराब कर देगा जब मैं निकलती हूँ सड़क पर,
ऐसा लगता है मैं हूँ सरहद पर।
मत समझो बोझ हेलमेट को तुम,
के किसी के दिल पर, किसी की ममता पर,
किसी के बचपन पर, किसी के पयार पर,
जिंदगी का बोझ बढ़ जाए |
जब मैं निकलती हूँ सड़क पर,
ऐसा लगता है मैं हूँ सरहद पर |
- अंजली
सड़क पर कविता इन हिन्दी | Poem on Sadak Road In Hindi
कहाँ-कहाँ से आतीं सड़कें
और कहाँ को जाती हैं,
दौड़-दौड़कर जाती हैं ये
दौड़-दौड़कर आती हैं।
पर शायद यह सही नहीं है
सड़क वहीं पर रहती है,
दौड़ा तो करते हैं हम-तुम
सड़क सभी कुछ सहती है।
बोलो-बोलो, सड़क, तुम्हारी
छाती पर है बोझा कितना?
समझ न पाओगे तुम भैया-
बोझा है छाती पर इतना!
इतना बोझा ढोकर भी मैं
आह नहीं, पर करती हूँ,
मेरा तप बस यही-यही है-
सोच, सभी कुछ सहती हूँ।
मैं बोल-ओ सड़क, तुम्हारी
कठिन तपस्या भारी है,
तुमसे ही जीवन में गति है
जग इसका आभारी है!
बोली सडत्रक-याद यह रखना
नहीं रौंदना मुझको तुम,
नहीं तोड़ना, नहीं फोड़ना
तब जी लेंगे मिल हम-तुम!
तब से भाई, जान गया हूँ
बड़े काम की चीज सड़क है,
जो इस पर कूड़ा फैलाते
उनसे होती मुझे रड़क है!
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प्राचीन समय मे परिवहन एवं संचार के साधन प्रायः एक ही हुआ करते थे।परंतु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकाश के फल स्वरूप अब दोनों प्रकार के साधनों का विशिष्टीकरण हो गया है।देश की मुख्य धारा शामिल करता है सड़क परिवहन सुदूरवर्ती पहाड़ी,मरुस्थलीय, जनजातिय तथा पिछड़े क्षेत्रो को जोड़ता है। मानव एवं यंत्रो के संचलन में तेजी लाकर सड़क परिवहन देश की आंतरिक तथा बाह्म सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।सड़क यातायात कच्चे माल तैयार माल एवं श्रम के संचलन द्वारा कृषि और उधोगों की मदद करता है।
यह अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार निर्माण में सहायता करता है। सड़क विकाश हेतु बनायी गयी नागपुर योजना (1944-54) के अंतर्गत पहली बार सडको को चार वर्गो में विभाजित किया गया।ये वर्ग है- राष्ट्रीय राजमार्ग ,प्रांतीय राजमार्ग , जिला सड़के और ग्रामीण सड़के। उम्मीद करता हूं आपको इनके जीवन के बारे मे बहोत कुछ जानने को मिला होगा।