आज की कविता बाज जिसे हम Eagle के नाम से भी जानते है इसलिए आज बाज पर कविता यानि Eagle Par Kavita लिखी गई है ताकि विद्यार्थी जो कक्षा 1,2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के क्षात्र है वे अपने निबंध परीक्षा में अच्छा कर सके।
आज पूरे विश्व मे पक्षियों की बहुत सी प्रजातियाँ पायी जाती है। बाज एक विशाल पक्षी है लेकिन यह गरुण से छोटा होता है। बाज बाकी सभी पक्षियों के मुकाबले में बहुत ज्यादा उचाई तक उड़ सकता है। यह उड़ते समय बादलो तक भी जा सकता है। बाज अपनी तेज नज़र के लिए बहुत ही प्रसिद्ध है। वह लगभग 5 किलोमीटर की दूरी तक देख सकता है और वह बिना किसी रुकावट के आसानी से अपने शिकार कर सकता है।
बाज की 40 प्रजातियां भी पाई जाती है, जो कि छोटी और बड़ी होती है।बाज अपने भोजन के लिए शिकार स्वयं करते है और दूसरे के द्वारा मारे गए जीव को नही खाते है। बाज के पंख पतले और मुड़े होते है जिसकी वजह से वो बहुत ऊँचाई तक उड़ सकते है और उन्हें दिशा बदलने में भी आसानी हिती है। बाज की औसतन आयु 70 बर्ष होती हैं। मादा बाज 1से3 अण्डे देती है। वह 34-36 दिन अंडो पर बैठकर उन्हें गर्म करती है और उसके बाद उसमें से बच्चे निकलते है बाज अपने रहने के स्थान ऊँचे पेड़ों पर या चट्टानों पर बनाते है। और यह ज्यादातर दूसरे पक्षियों के घोसलें पर आक्रमण करने के लोए वही बसेरा डालते है।
बाज पर कविता| Poem on Eagle Bird In Hindi
बाज को भोजन में सबसे ज्यादा मेढ़क, साँप आदि खाते है। और यह आसमान में लगभग 12000फिट ऊँचा उड़ सकता है। यह बारिस के दिनों में हमेशा बादलो के ऊपर उड़ाता है। शायद इसलिए इसे आसमान का राजा कहा जाता है। बाज हवा में एक जगह मंडरा सकते है जैसे एक पतंग एक जगह आसमान में एक जगह उड़ती रहती है।ठीक उसी तरह यह भी उड़ाता है। एक विज्ञानिक शोध का कहना है कि बाज की नज़र बहुत तेज होती है।
यह अपने शिकार को 5किलोमीटर दूर से ही देख सकता है।साथ ही इनकी आखो में इंफ्रारेड सिस्टम का विकाश हुआ है। जिसकी वजह से यह है कि शिकार के शरीर से निकलने वाली गर्मी को पहचान कर उसका शिकार कर सकता है। बाज 40 वर्ष की उम्र के बाद बूढ़ा हो जाता है और उसकी पंख भी मोटे हो जाते है।
जिस वजह से वह ज्यादा ऊचाई तक नही उड़ पाते। उस समय बाज भी अन्य पक्षियों की तरह या तो औरो के द्वारा मारे गए शिकार को खाते है। उम्मीद करता हु आपको जीवनी अछि लगी होगी और आप ऊपर के कविताएँ पसंद आई होगी।