आप सभी जल संरक्षण प्रेमी को मेरा नमस्कार आप सभी को पता है कि हमारे मनाव जीवन पानी यानी जल का कितना महत्व है। पानी जिसे अंग्रेजी में Water कहते है जो की सही बात है। हम सभी लोग जल को अपने प्रति दिन उपयोग करते है चाहे हमे अपने लिए भोजन बनाना हो या फिर हमें पानी को जानवरों को पिलाना हो या फिर उसी पानी को हम अपने पेड़ में पानी डालने के लिए उपयोग करते हैं।
हमारे देश के किसान भाई फसलो को उगाने के लिए पानी का उपयोग करते हैं। साथ ही हमे अगर कपड़े की सफाई करनी हो या फिर अपने घर की सफाई करनी हो पानी की जरूरत पड़ती है। आज में आप को इस पोस्ट में कुछ ऐसे कविता जिसे अंग्रेजी में Poem कहते हैं जो कि पानी के उपर बनाया गया है।
Poem On Water In Hindi
भैया पानी नहीं बहाना
अब घंटे भर नहीं नहाना
पानी बहुत हुआ है महंगा
बड़ा कठिन है पानी लाना
हम सबको है बड़ा जरुरी
धरती का पर्यावरण बचाना ||1||
पानी गन्दा आया नल में,
पिया बीमार हुआ दो पल में
उसको उलटी दस्त हो गए,
हाथ पैर भी लस्त हो गए ||2||
पानी सदा साफ़ पीना है,
स्वस्थ रहो लम्बा जीना है
गन्दा है तो रोज उबालो,
थोड़ा ज़रा फिटकरी डालो ||3||
-प्रभुदयाल श्रीवास्तव
जल ही जीवन है हिंदी कविता
ना कोई रंग है,ना कोई आकार है,
बुनियाद पर जिसकी,जिंदगी का संसार है,
अनुपम धन है,अनोखी बड़ी कहानी है,
शीतल है, पवित्र है, नाम धराया पानी है।
कहीं बर्फ में, तो कभी बादल में,
तो कहीं ओस बनकर,मोती सा ठहरा,
रुप तो इसके अनेक हैं,
तन-मन को शीतल कर दे,
कार्य भी बड़े नेक है।
ऐसा कोई काम बता दो,
जो इसके बिना संपन्न हो पाए,
जल के बिना तो,
धरा पर भी कम्पन हो जाएं।
व्यर्थ बहाकर हमने जल को,
अगली पीढ़ी का दोषी नहीं कहलाना है,
मिलकर सबने पानी की,
बूंद बूंद को बचाना है।
पानी का काम पानी करता है,
विकल्प न इसका दूसरा कोय,
जल के बिना तो जीवन की,
कल्पना मात्र भी न होए।।
-कीर्ति छाबरा
जल और जीवन पर सुंदर कविता
काश ये जीवन मेरा
जल के जैसा हो जाए
जिस के संग रहे
उस में ही ये ढल जाए
सब में समा कर के
पहचान अपनी भुलाता है
खुद को मिटा कर के
औऱ़ो को बनाता है
जब जब दूध को पकाया है
पानी ने खुद को जलाया है
दूध का गुणगान हुआ
पानी को सब ने भुलाया है
जलती ज्वाला ये बुझा दे
सब को ये शीतल बना दे
कभी रुको ना तुम जीवन में
पानी सब को गतिशील बना दे
खुद मिटता रहा सदियों से
या मिटा रहे है हम सब मिलकर
कुछ तो विचार करो इस पर
ये बहता रहे सदा झरझर
जल बिन क्या हम जी पाएंगे
अपने बच्चों की विरासत
को हम क्या नहीं बचाएंगे
धन दौलत रखी रह जाएगी
जल बिन सूनी दुनिया हो जाएगी।
बचा लो इसको
इसका कुछ तो ख्याल करो
अपना नहीं तो अपने बच्चों
का विचार करो। ।
- नीलम गुप्ता
जल ही जीवन है हिंदी कविता
ना कोई रंग है,ना कोई आकार है,
बुनियाद पर जिसकी,जिंदगी का संसार है,
अनुपम धन है,अनोखी बड़ी कहानी है,
शीतल है, पवित्र है, नाम धराया पानी है।
कहीं बर्फ में, तो कभी बादल में,
तो कहीं ओस बनकर,मोती सा ठहरा,
रुप तो इसके अनेक हैं,
तन-मन को शीतल कर दे,
कार्य भी बड़े नेक है।
ऐसा कोई काम बता दो,
जो इसके बिना संपन्न हो पाए,
जल के बिना तो,
धरा पर भी कम्पन हो जाएं।
व्यर्थ बहाकर हमने जल को,
अगली पीढ़ी का दोषी नहीं कहलाना है,
मिलकर सबने पानी की,
बूंद बूंद को बचाना है।
पानी का काम पानी करता है,
विकल्प न इसका दूसरा कोय,
जल के बिना तो जीवन की,
कल्पना मात्र भी न होए।।
-कीर्ति छाबरा
जल और जीवन पर सुंदर कविता
काश ये जीवन मेरा
जल के जैसा हो जाए
जिस के संग रहे
उस में ही ये ढल जाए
सब में समा कर के
पहचान अपनी भुलाता है
खुद को मिटा कर के
औऱ़ो को बनाता है
जब जब दूध को पकाया है
पानी ने खुद को जलाया है
दूध का गुणगान हुआ
पानी को सब ने भुलाया है
जलती ज्वाला ये बुझा दे
सब को ये शीतल बना दे
कभी रुको ना तुम जीवन में
पानी सब को गतिशील बना दे
खुद मिटता रहा सदियों से
या मिटा रहे है हम सब मिलकर
कुछ तो विचार करो इस पर
ये बहता रहे सदा झरझर
जल बिन क्या हम जी पाएंगे
अपने बच्चों की विरासत
को हम क्या नहीं बचाएंगे
धन दौलत रखी रह जाएगी
जल बिन सूनी दुनिया हो जाएगी।
बचा लो इसको
इसका कुछ तो ख्याल करो
अपना नहीं तो अपने बच्चों
का विचार करो। ।
- नीलम गुप्ता
Water is life Poem in Hindi
जल है जीवन का आधार
जल को न फेंको बेकार
जल से ही सब जीवन पाते
जल बिन जीवित न रह पाते,
जल को क्यों फिर व्यर्थ बहाते
बात सरल सी समझ न पाते
बदल भाप अम्बर में जाता
मेघो के घर में भर जाता,
वर्षा में धरती पर आता
धरती से अम्बर तक जाता
यही निरंतर चलता रहता
यही जल चक्र कहलाता!
-डॉ० अनामिका रिछारिया
मै जल हूं जीवन जल
कहते है मुझे गंगाजल
आधार हूं तेरी काया की
धार हूं तेरे बहते खून की
निर्मल हूं स्वच्छ हूं पवित्र हूं
स्थिर हूं , उठती लहर भी हूं
मै जीवन जल हूं।
परमात्मा की देन हूं
कमंडल मेरा स्रोत है
ना कोई रंग है ना रूप है
उदासीन हूं एक माध्यम हूं
मै विज्ञान नहीं , विज्ञान मुझसे है
मै उत्पत्ति हूं जीवों की
मै जननी हूं मिट्टी की
प्यास हूं मै घटा की
चीर हूं मै जलधर की
दर्पण हूं मै चांद की
ठंडक हूं मै जलती अग्नि की।
नाता रिश्ता सब तेरा मुझसे है
फिर भी तू मुझे गंदा करता है
बरबाद करता प्रतिदिन है
जन्म हुआ तेरा गर्भ के पानी से
विसर्जित होंगी तेरी अस्थि भी पानी में
तू मुझसे ही तो मूलभूत बना है
वरना तेरा कोई अस्तित्व ही नहीं
मेरा अस्तित्व खतरे में डालकर
क्या तू जिंदा रह पाएगा?
- अनु सिंह
मै जल हूं जीवन जल
कहते है मुझे गंगाजल
आधार हूं तेरी काया की
धार हूं तेरे बहते खून की
निर्मल हूं स्वच्छ हूं पवित्र हूं
स्थिर हूं , उठती लहर भी हूं
मै जीवन जल हूं।
परमात्मा की देन हूं
कमंडल मेरा स्रोत है
ना कोई रंग है ना रूप है
उदासीन हूं एक माध्यम हूं
मै विज्ञान नहीं , विज्ञान मुझसे है
मै उत्पत्ति हूं जीवों की
मै जननी हूं मिट्टी की
प्यास हूं मै घटा की
चीर हूं मै जलधर की
दर्पण हूं मै चांद की
ठंडक हूं मै जलती अग्नि की।
नाता रिश्ता सब तेरा मुझसे है
फिर भी तू मुझे गंदा करता है
बरबाद करता प्रतिदिन है
जन्म हुआ तेरा गर्भ के पानी से
विसर्जित होंगी तेरी अस्थि भी पानी में
तू मुझसे ही तो मूलभूत बना है
वरना तेरा कोई अस्तित्व ही नहीं
मेरा अस्तित्व खतरे में डालकर
क्या तू जिंदा रह पाएगा?
- अनु सिंह
Save Water Poems In Hindi
ज्यों निकल कर बादलों की गोद से
थी अभी एक बूँद कुछ आगे बढ़ी
सोचने फिर फिर यही जी में लगी
आह क्यों घर छोड़कर मैं यों बढ़ी
दैव मेरे भाग्य में क्या है बढ़ा
में बचूँगी या मिलूँगी धूल में
या जलूँगी गिर अंगारे पर किसी
चू पडूँगी या कमल के फूल में
बह गयी उस काल एक ऐसी हवा
वह समुन्दर ओर आई अनमनी
एक सुन्दर सीप का मुँह था खुला
वह उसी में जा पड़ी मोती बनी
लोग यों ही है झिझकते, सोचते
जबकि उनको छोड़ना पड़ता है घर
किन्तु घर का छोड़ना अक्सर उन्हें
बूँद लौं कुछ और ही देता है कर
उमीद करता हु की आपको ऊपर दिए गए कविता बहोत अच्छे लगे होंगे साथ ही ये आप के जीवन को अच्छा बनाने में सहायता प्रदान करेंगे। आप ऊपर के कविता Class 3 या Class 4, Class 1,2,5,6,7,8 की Bachho के लिये काफी short रखी गई है।