Vanmahotsav Hindi Poem:- भारत में पर्यावरण को देवताओं की उपाधि दी है हमारे देश में पेड़ पौधों को पूजा जाता है यह मुझे बताने की आवश्यकता नहीं है कि क्यों पूजा जाता है हम सभी को पता है पेड़ पौधे हम सभी को सांस लेने के लिए ऑक्सीजन गैस और खाने के लिए हमें कई सारे प्रकार के फल देते हैं। प्रकृति की रक्षा करने के लिए डॉ राजेंद्र प्रसाद और भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरु जी ने 1947 में वन महोत्सव की शुरु आत की इसका अर्थ है पेड़ों का त्योहार। यह त्यौहार भारत के सभी राज्यों में मनाया जाता है जो 1 सप्ताह के लिए होता है जो 1 जुलाई से 7 जुलाई तक वन महोत्सव भारत में मनाया जाता है।
Best Poems On Van Mahotsav 2021 in Hindi- वन महोत्सव पर कविता
आ लौट चलें मन जंगल को,
बस जी लें हम जीवन पल को।
न किच-किच हो, न चिख-चिख हो,
बस शान्त हवा सा मंगल हो।
जीवन की हरियाली दमके,
कुछ बाग-बगीचे फलधर हों।
स्वच्छन्द घटा बरसे निर्मल,
इक मौन आमंत्रण भर हो।
हर द्वीप पे कलरव के स्वर हों,
कुछ नयन-नशीले मंजर हों।
उन्मादित सा तन हर्षित मन,
जब नाच मयूरे गुन्जित हों।
न शब्द कोई दिल में चुभते,
जब शब्द हंसी मन निर्मल हों।
निःशब्द जहाँ झरने बहते,
हर शब्द में जीवन दर्शन हों।
बचा लो लुट रही धरती,
के आंगन में फले वन को।
हमारी सम्पदा के दर्प को,
धरती के आंगन को।
-अवनीश गुप्ता
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वन महोत्सव के अलावा हमें कभी भी पेड़ पौधों को लगाना चाहिए और उनकी रक्षा करना चाहिए ताकि हमें हमारे आसपास ऑक्सीजन गैस की कोई कमी ना हो इससे हमारा स्वास्थ्य और हमें सांस लेने में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती और साथ ही हमें फल भी मिलेंगे अगर हम फल वाले पेड़ लगाएं उम्मीद करुंगा कि आप वन महोत्सव के समय एक पेड़ जरूर लगाएंगे और आप इस आर्टिकल को अपने मित्रों के साथ शेयर जरूर करेंगे धन्यवाद।