भारत की आजादी किसी ने दी नही है उसे हमारे वीर शहीदों ने अपनी जान पर खेल के अग्रेजो से है। भगत सिंह का जन्म पंजाब के जिला लायलपुर गांव बंगा में 28 सितंबर 1960 को एक देशभक्त सिख परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह तथा माता का नाम विद्यावती कौर नथा परिवार के आचरण का अनुकूल प्रभाव सरदार भगत सिंह पर पड़ा। वह 14 वर्ष की आयु से ही पंजाब के क्रांतिकारी संस्थाओं में कार्य करने लगे थे डी,ए,वी, स्कूल से उन्होंने नौवीं की परीक्षा उतीर्ण की। 1923 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद उन्हें विवाह बंधन में बांधने की तैयारियां होने लगी तो वह लाहौर से भागकर कानपुर आ गए। देश की आजादी के संघर्ष में ऐसे रहने की पूरा जीवन ही देश को समर्पित कर दिया।
शहिद भगत सिंह पर कविता। Poems on Bhagat Singh in Hindi
उन्होंने समाज के कमजोर वर्ग पर किसी भारतीय के व्यवहार को भी उसी सख्ती से सोचा जितना कि किसी अंग्रेज के द्वारा किए गए अत्याचार को उसका विश्वास था। कि उनकी शहादत से भारतीय जनता और उग्र हो जाएगी लेकिन जब तक वहां जिंदा रहेंगे ऐसा नहीं हो पाएगा इसी कारण उन्होंने मौत की सजा सुनाने के बाद भी माफीनामा लिखने से साफ मना कर दिया।
अमृतसर में 13 अप्रैल 1919 को हुई जलियांवाला बाग हत्याकांड ने भगत सिंह की सोच पर इतना गहरा प्रभाव डाला। कि लाहौर के नेशनल कॉलेज की पढ़ाई छोड़ कर भगत सिंह ने भारत की आजादी के लिए नौजवान भारत सभा की स्थापना की।