आज की कविता आसमान जिसे हम स्काई या आकाश के नाम से भी जानते है इसलिए आज आसमान पर कविता यानि Poem On Sky Hindi लिखी गई है ताकि विद्यार्थी जो कक्षा 1,2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के क्षात्र है वे अपने निबंद परीक्षा में अच्छा कर सके।
किसी भी खगोलीय पिण्ड जैसे धरती के बाद अंतरिक्ष का वह भाग जो उस पिण्ड के सतह से दिखाई देता है वही आकाश है। आकाश दिन के प्रकाश पृथ्वी का आकाश गहरे नीले रंग का दिखाई देता है। औऱ नील रंग का प्रतीत होता है जो हवा के कड़ो के द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन के परिणामस्वरूप घटित होता है। जभं आकाश की तरफ देखते हैं तो हमारा मन खुश जो जाता है लेकिन ये अंतहीन आकाश आखिर नीला क्यों होता है?
यह प्रश्न भिमान में उठता है जैसे कि हैम जानते है कि हवा का कोई रंग नही होता हैं यदि आकाश की बात करे तो यह वायुमंडल है जो विभिन्न प्रकार के गैसों का मिश्रण है। ऐसे में यह प्रश्न उठता ह की वायु का कोई रंग नही है तो आसमान नील रंग का क्यों है हम आपको भली भांति परचित करेंगे। रंगों से परिचय हमारे जन्म के साथ होता है यह दुनिया रंगहीन है प्राकृतिक ने अपने आप को रंग से सजाया है। जिसको यह देखने मे आकर्षित लगते हैं। विज्ञान के जरिये हमे पता चला है आखिर कि रंग क्यों होता है। और ये कितने प्रकार के होते हैं।
आकाश पर कुछ कविता | Poem On Sky In Hindi
लेकिन रंगों से जुड़ा ये रहस्य बहुत दिनों तक अनसुलझा था। वह था कि आकाश का रंग क्यों नीला होता है इसके नारे में खोजने के लिए कई देसो ने प्रयास किये और इस प्रश्न का उत्तर 1859में जा कर के मिला। इसकी खोज जॉन डिंटल ने किया था। तब जा कर के पता चला कि आसमान नीला क्यों जोता है। देखिये सूर्य का प्रकाश सात रंगों की किरणों से मिलकर बना होता है सूर्य का प्रकाश जब तक वायुमंडल में प्रवेश नही करता तब तक सभी रंग एक साथ आते हैं।
लेकिन जब वे वायुमंडल में आते हैं तो उन सारे रंग में बिखराव जो जाता है औऱ आप ये नही जानते हो तो जान ले कि नीला रंग सबसे छोटी वेव लैथ का होता है इसलिए ये तेजी से चारो ओऱ फैल जाता है नीला रंग के साथ साथ बैगनी रंग भी तेजी से फैलता है लेकिन वो रंग हमारे आखो तक नही पहुचता है औऱ नीला रंग ज्यादा दिखाई देता है इसलिए आसमान हमे नीला दिखाई देता हैं । उम्मीद करता हु की आपको ऊपर लिखी गई कविताएँ बहोत पसंद आएगी।